Skip to main content

शनिदेव को प्रसन्न करने के 10 अचूक उपाय | 10 surefire ways to please Lord Shani

 शनिदेव को प्रसन्न करने के 10 अचूक उपाय



शनिदेव को न्याय के देवता माना जाता है, जो व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। यदि शनिदेव की कृपा प्राप्त हो जाए, तो जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आ जाती है। लेकिन यदि शनि अशुभ प्रभाव डालते हैं, तो जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यहां हम शनिदेव को प्रसन्न करने के 10 अचूक उपाय बता रहे हैं, जो आपके जीवन को खुशहाल बना सकते हैं।




1. शनिदेव की पूजा करें


शनिवार के दिन सुबह स्नान करके नीले या काले वस्त्र धारण करें। शनिदेव की प्रतिमा के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं।


मंत्र: "ॐ शं शनैश्चराय नमः।"




2. हनुमान जी की पूजा करें


शनिदेव हनुमान जी के परम भक्त हैं। शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और उन्हें गुड़ और चने का भोग लगाएं।




3. दान करें


शनिवार को गरीबों और जरूरतमंदों को काले वस्त्र, लोहा, काले तिल और सरसों का तेल दान करें।




4. पीपल वृक्ष की पूजा करें


शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। पीपल की परिक्रमा करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करें।




5. सरसों का तेल दान करें


शनिवार को शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाएं और दान करें। यह शनि दोष को कम करने का सबसे सरल उपाय है।




6. काले तिल का प्रयोग करें


शनिदेव को काले तिल अति प्रिय हैं। काले तिल को बहते पानी में प्रवाहित करें या शनि मंदिर में चढ़ाएं।




7. गरीबों को भोजन कराएं


शनिवार को भूखे और गरीब लोगों को भोजन कराना अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है। यह शनिदेव को प्रसन्न करता है।




8. शनि स्तोत्र का पाठ करें


शनिवार को शनि स्तोत्र का पाठ करें।


शनि स्तोत्र का अंश:

"नमः कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च।

नमः कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नमः।"




9. शनिदेव के प्रिय चीजें चढ़ाएं


शनिदेव को काले उड़द, लोहा, काला कपड़ा, और सरसों का तेल चढ़ाएं। ये चीजें उन्हें प्रसन्न करती हैं।




10. शनिवार का व्रत रखें


शनिवार का व्रत रखना शनिदेव की कृपा पाने का सबसे प्रभावी तरीका है। इस दिन सिर्फ फलाहार करें और दिनभर शनिदेव की भक्ति में लीन रहें।



शनिदेव को प्रसन्न करने के ये उपाय सरल और प्रभावी हैं। यदि आप इन उपायों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करेंगे, तो शनिदेव की कृपा से आपका जीवन सुखमय और समृद्ध बनेगा।


क्या आपने

 शनिदेव की पूजा के लिए इनमें से कोई उपाय किया है? अपने अनुभव हमें कमेंट में जरूर बताएं।


Comments

Popular posts from this blog

गणेश जी और चंद्रदेव की कथा |चंद्रदेव का उपहास और गणेश जी का क्रोध , Story of Ganeshji and Chandradev | Mockery of Chandradev and anger of Ganeshji

 Home 🏡 Radha Geet blog. गणेश जी और चंद्रदेव की कथा |चंद्रदेव का उपहास और गणेश जी का क्रोध  Click here Radha Geet blog  Radha Geet YouTube channel video dekhe:  click to link  यह कथा उन दिनों की है जब गणेश जी को मोदक (लड्डू) बहुत प्रिय थे। एक बार गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश को उनके भक्तों ने ढेर सारे मोदक का भोग लगाया। गणेश जी ने प्रेमपूर्वक सारे मोदक खा लिए, और उनका पेट बहुत बड़ा हो गया। उन्होंने सोचा कि अब उन्हें थोड़ा टहलना चाहिए ताकि पाचन ठीक रहे। गणेश जी अपने मूषक (चूहे) पर सवार होकर वन में भ्रमण करने लगे। लेकिन उनके भारी शरीर के कारण मूषक थोड़ा लड़खड़ाने लगा। तभी अचानक मूषक ने एक सांप को देखा और डरकर भागने की कोशिश में गणेश जी को गिरा दिया। गणेश जी धूल में गिर गए, और उनके पेट के सारे मोदक चारों ओर बिखर गए। चंद्रदेव का उपहास Radha Geet blog  यह सब आकाश से चंद्रदेव देख रहे थे। जैसे ही उन्होंने गणेश जी को गिरते हुए और मोदकों के साथ संघर्ष करते देखा, वे जोर-जोर से हंसने लगे। चंद्रदेव का उपहास सुनकर गणेश जी बहुत क्रोधित हो गए। गणेश जी ने चंद्रदेव को घ...

पार्वती नंदन की जय: श्री गणेश की महिमा || गणेश जी के प्रसिद्ध मंत्र और उनके अर्थ || गणेश जी का स्वरूप और प्रतीकात्मकता || गणेश जी से जुड़ी एक पौराणिक कथा

 पार्वती नंदन की जय: श्री गणेश की महिमा गणेश जी को हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य देवता के रूप में जाना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत उनके आह्वान के बिना अधूरी मानी जाती है। गणेश जी को विघ्नहर्ता, शुभकर्ता, और मंगलमूर्ति कहा जाता है। उनके आशीर्वाद से हर कार्य निर्विघ्न रूप से पूर्ण होता है। वे भगवान शिव और माता पार्वती के प्रिय पुत्र हैं और अपने भक्तों की हर इच्छा को पूर्ण करते हैं। गणेश जी के प्रसिद्ध मंत्र और उनके अर्थ 1. "ॐ गं गणपतये नमो नमः": यह मंत्र सबसे प्रसिद्ध है और गणेश जी को समर्पित है। 'गं' बीज मंत्र है, जो गणेश जी के दिव्य स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है। इस मंत्र का जप करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और विघ्नों का नाश होता है। 2. "श्री सिद्धि विनायक नमो नमः": गणेश जी को सिद्धि और विनायक के रूप में पूजा जाता है। 'सिद्धि' का अर्थ है सफलता और 'विनायक' का अर्थ है मार्गदर्शक। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता और सही दिशा प्राप्त होती है। 3. "अष्टविनायक नमो नमः": अष्टविनायक महाराष्ट्र के आठ...

कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली: दिव्यता का संगम" | देव दीपावली का इतिहास एवं मान्यता | Radha Geet,

 Home  देव दीपावली एवं कार्तिक पूर्णिमा हार्दिक शुभकामनाये  शीर्षक: "कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली: दिव्यता का संगम" परिचय: कार्तिक पूर्णिमा का पर्व, जो देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक पवित्र और महत्वपूर्ण तिथि है। यह पर्व दीपों का महोत्सव है, जो हमें भक्तिमय, शुद्ध और उज्जवल जीवन जीने की प्रेरणा देता है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान, दान, पूजा-पाठ और दीपों का महत्व असीमित है। आइए, इस पोस्ट के माध्यम से जानते हैं कि इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है और इसे कैसे मनाना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा का महत्व कार्तिक पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इसे पुण्य की पूर्णता का दिन माना जाता है, और इस दिन किए गए स्नान, दान और पूजा का फल कई गुना मिलता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता स्वयं पृथ्वी पर आते हैं, और विशेष पूजा-अर्चना से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन गंगा स्नान, दीपदान और तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। देव दीपावली का इतिहास एवं मान्यता देव दीपावली को 'देवताओं की दीपाव...