कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली: दिव्यता का संगम" | देव दीपावली का इतिहास एवं मान्यता | Radha Geet,

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देव दीपावली एवं कार्तिक पूर्णिमा हार्दिक शुभकामनाये 


शीर्षक:

"कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली: दिव्यता का संगम"



परिचय:

कार्तिक पूर्णिमा का पर्व, जो देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक पवित्र और महत्वपूर्ण तिथि है। यह पर्व दीपों का महोत्सव है, जो हमें भक्तिमय, शुद्ध और उज्जवल जीवन जीने की प्रेरणा देता है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान, दान, पूजा-पाठ और दीपों का महत्व असीमित है। आइए, इस पोस्ट के माध्यम से जानते हैं कि इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है और इसे कैसे मनाना चाहिए।


कार्तिक पूर्णिमा का महत्व


कार्तिक पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इसे पुण्य की पूर्णता का दिन माना जाता है, और इस दिन किए गए स्नान, दान और पूजा का फल कई गुना मिलता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता स्वयं पृथ्वी पर आते हैं, और विशेष पूजा-अर्चना से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन गंगा स्नान, दीपदान और तुलसी पूजा का विशेष महत्व है।


देव दीपावली का इतिहास एवं मान्यता



देव दीपावली को 'देवताओं की दीपावली' भी कहा जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था, जिससे देवताओं को मुक्ति मिली। इसी खुशी में देवताओं ने दीप जलाकर इस दिन को महोत्सव के रूप में मनाना शुरू किया। इस दिन वाराणसी में गंगा किनारे लाखों दीप जलाए जाते हैं, जो दृश्य अत्यंत अद्भुत और दिव्य होता है।


देव दीपावली की विशेष परंपराएँ


गंगा स्नान: इस दिन गंगा में स्नान का विशेष महत्व है। माना जाता है कि गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और आत्मा की शुद्धि होती है।



दीपदान: गंगा किनारे दीपदान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। दीप जलाकर देवताओं का आह्वान करते हुए भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।


ध्यान और पूजा: इस दिन भगवान शिव, विष्णु, और मां गंगा की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही, कार्तिक माह में तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है।



देव दीपावली का विशेष आयोजन





वाराणसी में देव दीपावली का आयोजन अत्यंत भव्य होता है। गंगा तट पर लाखों दीप जलाए जाते हैं और गंगा आरती की जाती है। श्रद्धालु इस अद्भुत नजारे का दर्शन करने आते हैं और भक्ति भाव से परिपूर्ण होकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। दीपों की कतारें गंगा किनारे ऐसा दिव्य दृश्य प्रस्तुत करती हैं जो किसी स्वर्गीय दृश्य से कम नहीं होता।


उपसंहार:


देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा का यह पवित्र पर्व हमें ईश्वर के प्रति समर्पण, भक्ति और शुद्धता का संदेश देता है। दीपों के इस महोत्सव में हम सभी को मिलकर अपने जीवन को पवित्र और उज्जवल बनाने का संकल्प लेना चाहिए।


आइए, इस देव दीपावली पर अपने घर और मन को दीपों से सजाएँ और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें।




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