भजन: अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम राम नारायणम जानकीवल्लभम। इस मंत्र का अर्थ: || मंत्र के लाभ: || मंत्र जाप विधि:

 भजन: अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम


शैली: भक्तिमय / वास्तविक भावपूर्ण


अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम,

राम नारायणम जानकीवल्लभम।


[मुखड़ा]

अच्युतम केशवम, कृष्ण दामोदरम,

भक्तों के जीवन में, प्रेम का सागरम।

तुमसे ही सब कुछ है, हे नंदलाल,

तुम हो सुखदाता, कृपा के भंडार।


[अंतरा 1]

जन्म लिया गोकुल में, माखन चुराते,

बाल-लीला दिखाकर, जग को हंसाते।

कालिया नाग पर नर्तन किया तुमने,

राधा संग वृंदावन में रास रचाया।

अच्युतम केशवम...


[अंतरा 2]

धनुष तोड़ जनकपुरी में विजय पाए,

सीता संग मिलकर धर्म को निभाए।

लंका के राजा पर तुमने विजय पाई,

धरती पर धर्म का पाठ पढ़ाया।

राम नारायणम...


[अंतरा 3]

कुरुक्षेत्र की भूमि पर गीता सुनाई,

अर्जुन को धर्म की राह दिखलाई।

रथ-सारथी बनकर जब रण को सजाया,

जग को भक्तिमय संदेश सुनाया।

कृष्ण दामोदरम...


[अंतरा 4]

हे मधुसूदन, मोहन, कान्हा प्यारे,

तुम बिन अधूरे हैं जीवन के सहारे।

हमें भी दो अपना मधुर आशीर्वाद,

हर पल गूंजे ये मधुर प्रार्थना।

अच्युतम केशवम...


[समाप्ति]

हरि नाम से जीवन का उद्धार करो,

सद्भावना, शांति से संसार भरो।

तेरे चरणों में हर पल मेरा ध्यान,

जय-जय श्री हरि, जीवन आधार।

अच्युतम केशवम...



यह भजन मधुर संगीत और धीमे सुरों में गाया जाए, जिसमें बांसुरी, तबला, और वीणा का अद्भुत

 संयोजन हो। आवाज़ को भक्ति और प्रेम से भरपूर रखें।


मंत्र:

अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम,

राम नारायणम जानकीवल्लभम।


यह मंत्र अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली है। इसे शांत मन से नियमित जाप करने से भक्ति, शांति, और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता

 है।

अच्युतम केशवम मंत्र:


अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम,

राम नारायणम जानकीवल्लभम।


इस मंत्र का अर्थ:


अच्युतम: जो कभी पतन न हो, अर्थात भगवान विष्णु।


केशवम: केशव भगवान, जो सृष्टि के पालक हैं।


कृष्ण दामोदरम: श्रीकृष्ण, जिन्होंने दामोदर रूप में बंधन को भी अपनाया।


राम नारायणम: भगवान राम, जो नारायण का रूप हैं।


जानकीवल्लभम: माता सीता के प्रियतम।



मंत्र के लाभ:


1. यह मंत्र भगवान विष्णु और उनके सभी रूपों (राम, कृष्ण) की महिमा का गुणगान करता है।



2. इसे जपने से मन को शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।



3. भक्ति, विश्वास, और आध्यात्मिक शक्ति का विकास होता है।


मंत्र जाप विधि:


1. सुबह स्नान कर पवित्र स्थान पर दीपक जलाएं।

2. शांत मन से इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।

3. विष्णु भगवान की मूर्ति या चित्र के समक्ष बैठकर इसे ध्यानपूर्वक जपें।

4. मंत्र का नियमित जाप आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि

 लाएगा।


"जय अच्युत केशव नारायण हरे!"


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