कार्तिक पूर्णिमा 2024: तिथि, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और महत्व
कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखती है। इसे स्नान, दान और पूजन के लिए एक अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। इस दिन गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। इस अवसर पर देवता और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग पूरे दिन पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों में संलग्न रहते हैं। आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा 2024 के बारे में संपूर्ण जानकारी।
कार्तिक पूर्णिमा 2024 की तिथि
तिथि: कार्तिक पूर्णिमा 2024 में 15 नवंबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 14 नवंबर 2024 को दोपहर 1:31 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 15 नवंबर 2024 को सुबह 11:46 बजे
स्नान और दान का शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा के दिन विशेष स्नान और दान का विधान है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और पूजा का विशेष महत्व होता है, क्योंकि माना जाता है कि इस समय किए गए कर्मों का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
स्नान का शुभ मुहूर्त: सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त का समय सर्वाधिक लाभकारी माना जाता है।
दान का शुभ मुहूर्त: स्नान के पश्चात पूरे दिन दान किया जा सकता है, लेकिन विशेष दान का समय भी प्रातः काल ही होता है।
कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व बहुत अधिक है, विशेषकर इस दिन गंगा स्नान करने का लाभ कई गुना माना गया है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन को देवताओं का भी प्रिय दिन माना गया है और इसे देव दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है।
1. गंगा स्नान का महत्व: गंगा में स्नान करने से शरीर और मन की शुद्धि होती है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
2. दान का महत्व: इस दिन दान का विशेष महत्व है। दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। विशेषकर भोजन, वस्त्र, दीप, तेल, और धन का दान करना लाभकारी होता है।
3. देव दीपावली: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है। इस दिन दीप जलाकर भगवान की पूजा की जाती है और गंगा तट पर दीपदान किया जाता है, जो अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना गया है।
4. व्रत का महत्व: इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। यह व्रत विशेष रूप से भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा के धार्मिक अनुष्ठान
1. गंगा स्नान: सुबह सूर्योदय से पहले गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
2. भगवान विष्णु और शिव पूजन: कार्तिक पूर्णिमा को भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन तुलसी पूजन और शिवलिंग पर जलाभिषेक भी किया जाता है।
3. दीपदान: इस दिन दीप जलाकर नदी या तालाब के तट पर दीपदान करें। इससे पितरों को शांति मिलती है और घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
4. भजन-कीर्तन और कथा: कार्तिक पूर्णिमा पर भजन-कीर्तन और कथा का आयोजन करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस दिन किए गए सत्संग से मानसिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष
कार्तिक पूर्णिमा का दिन पवित्रता, दान, और ईश्वर की आराधना का प्रतीक है। इस दिन किए गए धार्मिक कर्म व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा पर ईश्वर की कृपा प्राप्त कर आप अपने जीवन को सुख-समृद्धि और शांति से भर सकते हैं।
0 Comments